आओ किसी का यूँ ही, इंतजार करते हैं..!
चाय बनाकर फिर, कोई बात करते हैं..!!
उम्र चालीस के पार, हो गई हमारी..!
अधेड़ उम्र का चलो, इस्तक़बाल करते है..!!
कौन आएगा अब, हमको देखने यहां..!
एक - दूसरे की, देखभाल करते है..!!
बच्चे हमारी पहुंच से, अब दूर होने लगे हैं..!
आओ फिर से दोस्तो को, कॉल करते हैं..!!
जिंदगी जो बीत गई, सो बीत गई..!
बाकी बची में फिर से, प्यार करते हैं..!!
ईश्वर ने जो भी दिया, लाजवाब दिया..!
चलो शुक्रिया उसका, बार बार करते हैं..!!
सभी का हाल यही है, इस जमाने में..!
ग़ज़ल ये सब यारों के, नाम करते हैं,।
Gazal
Reviewed by Dr.Satishkumar
on
October 16, 2019
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